Photo essay
मर रहा देश कोरोना से
न जगह है अस्पतालों में
न साफ हवा है सास लेने को
न जगह है शमशानो में
फिर भी क्यों नहीं परवाह इंसानों में
देखो कैसे बिना मास्क लगाए घूम रहा बाजारों में
अब संभाल जाओ इंसानों नहीं तो तुम भी मिल जाओगे मिटी के बागानों मेंं।